सबसे विकट रोग है मन का रोग। मन अस्वस्थ है तो शरीर भी अस्वस्थ है। शरीर के रोग मनुष्य के मरने के बाद मर जाते है परन्तु मन के रोग मरने बाद भी संस्काररूप से साथ जाते है। इसी से देखा है कोई बच्चा जन्म से ही शान्तप्रकर्ति का होता है. कोई बड़ा क्रोधी होता है। काम क्रोध लोभ मोह राग अभिमान हिंसा आदि मन के रोग है। शारीरिक रोगो की उत्पत्ती का कारण भी ये ही मन के रोग है। अनाचार असंयम असदाचार खान -पान की खराबी अनियमित जीवन आदि रोगो का कारण है उन में मन का रोग ही प्रधान कारण है। बाहरी दवाओ से रोग नहीं मिटते वरन बढ़ते है बड़ी -बड़ी अौषध -निर्माण कारखाने और अौषधविस्तार के विज्ञापन रोग बढ़ाते है घटाते नही। रोग सिर्फ मन के विकार मिटाने से मिटता है। मन स्वस्थ -शरीर स्वस्थ
Tuesday, 29 July 2014
मन का रोग ही शारीरिक रोगो का कारण है
सबसे विकट रोग है मन का रोग। मन अस्वस्थ है तो शरीर भी अस्वस्थ है। शरीर के रोग मनुष्य के मरने के बाद मर जाते है परन्तु मन के रोग मरने बाद भी संस्काररूप से साथ जाते है। इसी से देखा है कोई बच्चा जन्म से ही शान्तप्रकर्ति का होता है. कोई बड़ा क्रोधी होता है। काम क्रोध लोभ मोह राग अभिमान हिंसा आदि मन के रोग है। शारीरिक रोगो की उत्पत्ती का कारण भी ये ही मन के रोग है। अनाचार असंयम असदाचार खान -पान की खराबी अनियमित जीवन आदि रोगो का कारण है उन में मन का रोग ही प्रधान कारण है। बाहरी दवाओ से रोग नहीं मिटते वरन बढ़ते है बड़ी -बड़ी अौषध -निर्माण कारखाने और अौषधविस्तार के विज्ञापन रोग बढ़ाते है घटाते नही। रोग सिर्फ मन के विकार मिटाने से मिटता है। मन स्वस्थ -शरीर स्वस्थ
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