सभी मनुष्य स्वस्थ रहना चाहते है। मगर प्रकृति के नियमो का पालन न करने के कारण हमारे अंदर रोग आते है कुछ बीमारी तो ऐसी होती है जो मृत्यु तक साथ देती है। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में अपने लिए समय ही नहीं होता। डॉक्टर के पास जाते है वह कहता है जिंदगी भर गोली खानी पड़ेगी।रोग और गोली साथ -साथ चलती रहती है। रोग बढ़ते रहते है गोली भी बढ़ती रहती है।मगर हम निरोगी नहीं हो पाते। आज डायबटीज ब्लड प्रेशर माइग्रेन डिप्रेशन मोटापा कब्ज आदि भयंकर रोगो से अधिकांशत लोग पीड़ित है।
हम अपना खाना और पीना प्रकृति के नियमो के अनुसार करे तो जीवन भर निरोगी रह सकते है ।वैसे तो सैकड़ो नियम है। मगर हम कुछ आसान से नियमो का पालन करे। तो हम जिंदगी भर निरोगी रह सकते है। डायबटीज ब्लड -प्रेशर मोटापा डिप्रेशन आदि रोगो आसानी से छुटकारा जा सकता है
नियम -1-- खाना खाते समय पानी नहीं पीना
खाना खाते समय और खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए। अधिकांशतः यह सभी जानते है मगर उसके बाद भी खाना खाते समय पानी लेकर बैठते है और कुछ तो कई गिलास पानी पीकर शरीर का नाश कर लेते है। कई भयंकर रोग पैदा हो जाते है।
आखिर पानी क्यों नही पीना चाहिए।
हम जो कुछ भी खाते है वह सीधा आमाशय में जाता है आमाशय को जठराग्नि भी कहा जाता है। हमने कुछ खाया वह आमाशय में गया. आमाशय में खाना पहुँचते ही अग्नि उत्पन्न होती है। यह हमारे शरीर की एक व्यवस्था है। जैसे ही हमने कुछ खाया आमाशय में अग्नि उत्पन्न हुयी। अग्नि के उत्पन्न होते ही खाने के पचने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। खाना खाने के बाद या बीच में हम पानी पीते है तो पानी पीते ही अग्नि बुझ जाती है और खाना पचने की प्रक्रिया रूक जाती है। खाना पचने के स्थान पर सड़ना शुरू हो जाता है। यहा से शुरू होता है रोगो का जन्म, आपको yuric acid , LDL और VLDL आदि जहर बनना शुरू हो जाता है
यूरिक एसिड बढ़ने से क्या होता है ?
यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर के छोटे जोड़ो में दर्द शुरू जाता है सुबह जब हम सो कर उठते है पैर हाथो की उंगलियो अंगूठो में हलकी हलकी चुभन जैसा दर्द महसूस देता है घुटनो के जोड़ो में दर्द,यह सब यूरिक एसिड बढ़ने से होता है। यूरिक एसिड जब रक्त के साथ शरीर के अन्य स्थानो में पहुंच जाता है। खासतौर पर हड्डियो के संधि भागो जाकर रावो के रूप मे जमा जाता है यह देता है शरीर में जोड़ो का दर्द, जिसे गाउट कहते है। गुर्दे की पथरी डायबटीज़ आदि रोग भी यूरिक एसिड बढ़ने से होती है।
LDL(low density lipoprotein) से कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है। आप जानते है कोलस्ट्रोल बढ़ने से क्या होता है ?कोलस्ट्रोल बढ़ने से मोटापा ब्लडप्रेशर डाइबटीज आदि रोग बढ़ने लगते है।
VLDL(very low density lipopritein)ये LDL से ज्यादा खतरनाक है ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है जिसका सीधा असर ह्रदय पर पड़ता है। और heart attack भी पड़ने की सम्भावना रहती है।
yuric acid LDL,VLDL आदि एक तरह का जहर है। जो खाना सड़ने के बाद शरीर में पैदा होता है।
अगर आपको कोलस्ट्रोल मोटापा शरीर के किसी हिस्से में दर्द,ब्लड प्रेशर का बढ़ना आदि कोई भी रोग आपको होता है तो समझो आपका खाना पच नही रहा है।
पानी कब पीना चाहिए-खाना खाने के 90 मिनट बाद पानी पीना चाहिए।क्योकि जो आपने खाया है उसका पेस्ट बनने में 90 मिनट का समय लगता है।और उस समय पानी की आवश्यकता होती है। आप कितना भी पानी पी सकते है। खाना खाने से पहले 48 मिनट पहले पानी पीना चाहिए। क्योकि पानी को मूत्रपिंड तक पहुचने में 48 मिनट का समय लगता है।
नियम -2 -खाना 32 बार चबाकर खाए
खाना धीरे -धीरे 32 बार चबाकर खाना चाहिए। खाना आमाशय में जितना पेस्ट होकर के पहुंचेगा उतनी आसानी से पचेगा।32 बार कैसे चबाये ? एक तो आप काउंटिंग कर सकते है। दो -तीन दिन में आपको आदत पड़ जाएगी दूसरा एक आसान तरीका है.भोजन भी आपका भजन बन जायेगा।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे----हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।
इस भजन में 32 शब्द है। खाना खाते समय प्रत्येक गस्से के साथ इस महामंत्र का दो बार जप करे । 32 बार चबाना भी हो जायेगा और भजन भी हो जायेगा।
नियम-3 --पानी हमेशा घूँट घूँट पीना
पानी घूँट -घूँट पीना चाहिए।जितने भी पशु पक्षी होते है वे सभी पानी घूँट -घूँट पिटे है गटागट पानी नहीं चाहिए। यह जानवरो पक्षियों को जन्म से पता है। मनुष्य अपने आप को समझदार मानता है मगर उसको इतनी मामूली समझ नहीं है। पानी घूँट -घूंट पीना चाहिए। गटागट पानी पीने से वह अपना कितना बड़ा नुकसान कर लेता है। पानी क्यों घूँट -घूँट पीना चाहिए ? हमारे मुँह के अंदर एक लाख लार ग्रन्थियां (salivary gland) होती है जो जो 24 घंटे लार बनाती है जब हम पानी धीरे -धीरे पीते है तो लार भी पेट में जाती है। पानी हम गटागट पी जाते है बहुत कम पेट जाती है लार भगवान की दी हुयी medicine है। ये हमारा digestion सही रखने में मदद करती है और कई बीमारिया भी नियंत्रण में रहती है। इसका उत्पादन 24 घंटे होता रहता है घूँट -घूँट पानी पीने से मोटापा भी कम होता है।
सुबह उठते ही सबसे पहला काम पानी पीने का करना चाहिए। पानी घूँट -घूँट ही पीना है। पानी पीने से पहले कुल्ला नही करना चाहिए। जब हम सुबह सोकर उठते है तो हमारे मुँह में सारी रात की बनी लार होती है.सुबह की लार स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होती है हमे कई रोगो से बचाती है। इसको हम आँखो में काजल की तरह लगाए तो आँखों की रोशनी बढ़ती है किसी प्रकार की चोट या जख्म पर लगाए तो चोट भी सही हो जाती है। जब सुबह पानी पीते है तो सारी रात की बनी लार भी पानी के साथ अंदर जाती है. जो हमे कब्ज दमा जोड़ो में दर्द कैंसर आदि रोगो से बचाती है। सारे दिन ताजगी रहती है।
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