कब्ज (constipation) को बीमारियो की माँ कहा जाता है अधिकांशत रोग कब्ज के कारण होते है.आचार विचार खान पान उचित न होने के कारण कब्ज पैदा होता है। कब्ज के कारण जोड़ो का दर्द मधुमेह ब्लडप्रेशर मोटापा आदि रोगो की शुरुआत होती है आज भारत में ही नही वरन पुरे विश्व मे यह रोग बढ़ता जा रहा है जब तक हम अपना खान पान नही सुधारते यह रोग दवाइयों से सही होने वाला नही है हमे अपनी जीवनशैली भारतीय प्राचीन धरोहर आयुर्वेद के अनुसार करनी होगी उससे हम निरोगी ही नही वरन जीवन भी आनंदमय हो जाता है.
पहले यह सिर्फ वृद्धो को ही होता था क्योकि वह श्रम कम करते थे तो उन्हे पित्त कम बनता था पित्त कम बनेगा तो भोजन कम पचेगा।मगर आज यह रोग प्रतियेक उम्र के व्यक्ति में है.परिश्रम तो कम करते है वरन गरिष्ठ भोजन खाते रहते है छोटी उम्र से रोग शुरू हो जाते है.हमे अपनी खान पान की आदते सुधारनी होगी।
कब्ज (constipation)से कैसे बचे
1 -भोजन करते समय 32 बार चबाये। भोजन जब पेस्ट बनकर आमाशय मे पहुंचेगा तो जल्दी पचेगा। 32 बार कैसे चबाये प्रत्येक गस्से के साथ गिनती करना संभव नही.प्रत्येक गस्से के साथ इस मंत्र का दो बार जप करे।
हरे रामा हरे रामा रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
इस मंत्र मे 16 शब्द है दो बार में 32 हो जायेगे। इस मंत्र का प्रत्येक गस्से के साथ दो बार उच्चारण करे तो 32 बार चबाना भी हो गया और भोजन भी भजन बन गया।
2 -पानी भोजन करने से एक घंटा पहले पीना चाहिए और भोजन करने के 2 घंटे बाद पानी पीना चाहिए।
3 -ठंडा पानी का सेवन नही करना चाहिए यह हमारी अग्नि मंद करता है.पाचन क्रिया मंद हो जाती है.कब्ज बढ़ने लगता है।
4 -भोजन सुखासन की स्थिति में जमीन पर बैठ कर करना चाहिए।
सुखासन की स्थिति मे आमाशय में अग्नि तेज होती है जिसके कारण भोजन तेजी से पचता है। और शरीर मे लचक बनी रहती है घुटने के दर्द की समस्या भी बहुत कम हो जाती है.थोड़े से अभ्यास से सुखासन की स्थिति में बैठ सकते है. भोजन का आनंद ले सकते है।
5 -6 घंटे से पहले दूसरा भोजन नही करना चाहिए।भोजन आमाशय मे पहुंचकर उसका पेस्ट बनता बनता है
पेस्ट से रस बनता है रस से मांस मज्जा वीर्य मल मूत्र मेधा अस्थि बनते बनते है। इस प्रक्रिया में लगभग 6 घंटे का समय लगता है। बीच में सिर्फ कितना भी पानी पी सकते है। मान लो आप किसी बर्तन मे दाल पका रहे है वह 30 मिनट मे पकती है आप प्रतियेक 5 मिनट बाद उसमे दाल डालते जायेगे तो वह वह दाल भी नहीं गलेगी और पहले से पड़ी हुयी दाल भी ठीक प्रकार से नही गलेगी इसी प्रकार जब तक हमारा भोजन ठीक प्रकार से पच न जाय तब तक हमे दूसरा भोजन नही करना चाहिए।
6 -दोपहर का भोजन करने के बाद 30 से 60 मिनट आराम करना चाहिय। रात्रि में भोजन के बाद टहलना चाहये व भोजन करने के 2 घंटे बाद सोना चाहिए।
7 -हमे मैदा से बनी हुए भोज्य पदार्थो का सेवन नहीं करना चाहिए।चाउमिन पिज्जा बरगर ब्रेड आदि का सेवन नही चाहिए। ये आंतो चिपक जाते है और कब्ज पैदा करते है।
8 -भोजन जब भी करने बैठे प्रसन्नचित होकर करे। क्रोध मे आकर कभी भोजन नही करना चाहिए।
उपरोक्त सूत्रों को अगर हम अपने जीवन मे उतारने का प्रयास करे तो कब्ज की शिकायत से जिंदगी भर दूर रहेंगे और निरोगी आनंदित जीवन जिएंगे
कब्ज नाशक आयुर्वेदिक उपचार
1-दिन मे जितनी बार भी पानी पिए गर्म पानी का सेवन करे। दो महीने तक गर्म पानी का नियमित सेवन करने से कब्ज दूर हो जाता है।
2 -सनाय सोफ मिश्री तीनो 100 -100 ग्राम लेकर चूर्ण बना ले। रात्रि सोते समय गर्म पानी से इसका प्रयोग करे।
3 -छोटी हरड़ 100 ग्राम अजवायन 100 ग्राम सोफ 50 ग्राम काला नमक 50 ग्राम इन चारो को पीसकर चूर्ण बना 100 ग्राम मेथीदाना मोटा दरदरा पीस कर चूर्ण मे मिला ले ,इस चूर्ण को सोते समय गर्म पानी से सेवन करे। सुबह पेट अच्छा साफ होता है.यह मधुमेह रोगी के लिये भी अति उत्तम है.
4-छोटी हरड़ और काला नमक १००-१०० ग्राम लेकर चूर्ण बना ले और रात्रि में दो चम्मच गर्म पानी से सेवन करे सुबह दस्त होकर पेट साफ हो जायेगा।
5-गर्म पानी में निम्बू का रस शहद मिला कर पीने से सुबह पेट खुलकर साफ होता है कुछ ही दिनों में पुराने से पुराना कब्ज दूर हो जाता है.
6-दो चम्मच ईसागबोल और दो चम्मच मिस्री इसको रात्रि में एक गिलास पानी भिगो कर रख दे. सुबह उठते ही पी ले.
7-तीन अंजीर रात्रि में भिगो कर रख दे सुबह उठकर वह अंजीर खा कर पानी पी ले।
8-२० ग्राम त्रिफला रात्रि को ५०० ml पानी में भिगो कर रख दो. सुबह उठते ही वह पानी पी लो। कुछ ही दिनों में कब्ज की शिकायत दूर हो जायगी।
9-अमरुद पपीता कब्ज के लिए बहुत लाभदायक है किसी भी समय इसको खा सकते है।
10-किशमिश रात्रि में भीगो कर रख दे सुबह किशमिश खाकर पानी पी ले.
11-सुबह उठने के बाद गरम पानी में निम्बू शहद काला नमक मिलाकर पीना फायदेबंद है. यह मोटापा भी कम करता है।
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