Monday, 27 November 2017

How to study smart (in hindi)

                                


Exam शुरु होते ही सभी छात्रो पर प्रेशर बढ़ जाता है। कि अब पढ़ाई करनी है । स्कूल टीचर भी बोलते है, अब समय कम है जम कर पढ़ाई करे । मगर कैसे पढ़े ? कोर्स ज्यादा, समय कम दिखाई देता है। अब एसा क्या करे Relax होकर Study कर सके, कुछ बच्चे Topper होते है। अधिकांशतः  Average होते है जो Average होते है। उन पर ज्यादा प्रेशर रहता है। जितना वह कर सकते थे वह उतना भी नही कर पाते.


 आधा समय सपने देखने मे निकल जाता है। आधा उसे कैसे पूरा करने मे, 


सब बच्चो मे क्षमता होती है मै यहा मार्कस की बात नही कर रहा हू । मै बात कर रहा हू वर्तमान मे आप 100% तो दे ही सकते हो। आपने अगर अपना 100% दे दिया बाकी सब परमात्मा पर छोड दो बस आज मै अपना 100% दूगा चाहे कुछ भी हो जाय।


केवल सोचने से कुछ नही होता है । Study की Planing करनी होती है। जितने भी बड़े Businessman है Company के ceo है. वे अपनी Daily Planing करते है । आज उन्हे क्या करना है ?


सबसे पहले अपना Study का Time निश्चित करे आपको सुबह से पता होता है आपकी school की, Tuition की क्या Timing है। उसके अनुसार आप अपना Study का समय निश्चित करे। आपने आपना 4घंटे का  समय निश्चित किया तो आप 40-40मिनट के ही सेशन करे । 40मिनट के बाद 10मिनट का Relax करे उस 10मिनट मे आप कोई म्यूजिक सून सकते है। आँखे बन्द करके कोई मेडिटेशन कर सकते है। कुछ भी एसा करे जिससे आपका माइन्ड Relax हो।  
                     

मगर ज्यादातर करते क्या है ? Facebook पर बैठ जायेगे Whats app पर Chat शुरु कर देते है। t.v. देखने बैठ जाते है। Youtube पर Videos देखने लगते है। पता ही नही चलता कब 10मिनट हो गये फिर अपने आपसे ही कहते है। 10मिनट ओर, एसा करते करते 1घन्टे हो जाता है। माइन्ड को Relax  के लिये गये थे मगर यहा माइन्ड मे आपने ओर कचरा भर दिया माइन्ड थक गया अब आपका लेटने का मन कर रहा है। आप लेट गये ओर सो गये सारा Study का समय खत्म हो गया।



अगर आपको 10मिनट रिलेक्स करना है । तो 10 मिनट ही रिलेक्स करना है। उसमे आप 10मिनट का मेडिटेशन करे तो बेहतर  है आप मोबाईल को टूल की तरह युज कर सकते है उसमे 10मिनट का timmer लगा ले मेडिटेशन के  बाद फिर से 40मिनट के लिये Study करने के लिये बेठे। हमारा माइंड 40 या 50मिनट के बाद  किसी भी चीज के ग्रहण करने की क्षमता धीरे-धीरे कम होती चली जाती है।


Study Goal                                                                                           आपको यह पता होना चाहिये। आपको पढ़ना क्या है ? अधिकांंशतः एसा होता है जब हम Study करने बैठते है । हमे पता नही होता क्या पढ़े ?


Maths लेकर बैठे

अरे Chemistry कर लेते है।

अभी Chemistry खोलकर बैठे ही थे

अरे इसे छोडो Physics कर लेते है। Physics लेकर बैठे कोई सा Chapter खोला

 अरे ये नही ये पढ़ते है।                                                                                                                                                                                 

 अरे मुझे तो Math करना है। फिर Math लेकर बैठ गये सारा समय इसमे ही निकाल दिया कुछ देर Math की फिर मोबाईल लेकर बैठ गये फिर सो गये। हमारा Goal निश्चित होना चाहिये हमे कौन-कौन से Subject पढ़ने है। कौनसा Chapter पढ़ना है


How To Study- इसके लिये आप अपने दोस्तो से, Tuiter से स्कूल मे टीचर से पूछ सकते है।
                       

सबसे महत्वपूर्ण है Revise Smartly

 कोई आप से पूछे पांच दिन पहले क्या खाया था ? शायद आपको याद नही होगा। मगर आपका 6 महीने 9 महीने या 1 साल पहले  Birthday मनाया गया होगा। उसमे आपने जो भी खाया वह आपको याद है । क्योंकि उसका जिक्र birthday से कई दिन पहले से शुरु हो जाता है। कि उस दिन क्या बनेगा, birthday के बाद भी कई दिन तक चर्चा मे रहता है। खाना कैसा बना है यह चीज बहुत टेस्टी थी यह अच्छी बनी थी। इस लिये वह आपके माइन्ड मे सैट है।
4घंटे आपने Study को दिया उसके बाद आप का 1घंटा ओर रखना होता है वह है Revise के लिये


चार घंटे  Study की, उस 1 घंटे मे उसका Revise कीजिये।

सबसे महत्वपूर्ण है जब आप Study कर रहे हो तब आपके मांइड मे कुछ ओर विचार नही आना चाहिये जो भी आप Subject Study कर रहे हो उसी पर Focus होना चाहिये तभी आप अपना 100% दे सकते हो।


एक ओर समस्या जो मुझे लगता है । वह है नीद की अगर आप सुबह चार बजे उठ जाते है आप सात दस बजे सोते है। आपकी  नीद हुयी 6घंटे की आप दिन भर सोचते रहे मै आज 4बजे उठ गया था। तो आपका मन बार बार सोने के लिये कहेगा। आप ने नीद 6 घंटे की ली या 8 की या 5 की ली उस बारे मे सोचना ही मत, जब आप नींद के बारे मे सोचते हो तभी आप को थकान महसूस होती है। और आप सोने को मजबूर हो जाते हो। आप कितने बजे उठे इस बारे मे मत सोचो।

आपका भविष्य उज्वल बनता है वर्तमान मे 100% देने से, न कि भविष्य के सपने देखने से ।



Saturday, 25 November 2017

सपने नही कर्म से सफलता मिलती है

                                


एक पहाड़ी पर प्रसिद्ध देवी का मन्दिर था लगभग 15 किलोमिटर की पैदल चढ़ाई थी। नीचे एक दुकान थी । जहाँ  पूजा-पाठ का समान व यात्रीयो के आवश्यकता की वस्तुये मिलती था। जो उस दुकान का मालिक था कभी मन्दिर नही गया था। वह यात्रियों  से ही वहा की सुन्दरता की तारीफ सुनता था। और सोचता था, हमारे तो यह मन्दिर पास ही है कभी भी चले जायेगे ।

 धीरे-धीरे समय निकलता गया।


   उसे  बुढ़ापा आ गया उसने सोचा अब तो जीवन का अन्त नजदीक है अब तो मन्दिर की यात्रा की जाये। उसने सब तैयारी की । रात्रि मे यात्रा करते थे जिससे सुबह आरती के समय दर्शन हो जाये उसने एक लालटेन ली, और अपनी यात्रा शुरु की, अभी वह कुछ ही दुर चला था। उसके मन मे विचार आया उसकी लालटेन की रोशनी सिर्फ चार कदम तक ही साथ दे रही थी और मुझे 15किलोमिटर की लम्बी यात्रा तय करनी है । इस लालटेन के भरोसे यह कैसे तय होगी वह वही बैठ गया और सोचने लगा



जैसे जैसे उम्र बढ़ती है। होसला भी कम होता चला जाता है। वह निराश होकर बैठा हुआ सोच रहा था तभी एक यात्री उसके पास आकर उससे बोला- “कैसे बैठे हो”



वह बोला – ‘मै सोच रहा था 15किलोमिटर का रस्ता कैसे तय होगा ? मेरी लालटेन से तो सिर्फ चार कदम की रोशनी हो रही है।“



वह यात्री बोला-“मेरी लालटेन तो तुमसे भी छोटी है। इससे तो सिर्फ तीन कदम की ही रोशनी होती  है।



तुम्हारी तो फिर भी चार कदम दिखाती है। तुम एक कदम बढ़ाओगे तो चार कदम की रोशनी तुम्हे बराबर मिलती रहेगी कभी कम नही होगी तुमारी मंजिल तक चार कदम रोशनी तुम्हारे आगे बनी रहेगी हिम्मत करो और चलो, प्रकाश तुम्हारे आगे चलता रहेगा।



यही हम करते है आज का काम कल पर टालते रहते है जब समय कम रह जाता है तब अपनी यात्रा शुरु करते है समय कम यात्रा लम्बी घबराकर जाते है   सारा समय सपने देखते मे निकल जाता है। और जब भी उन्हे करने का प्रयास करते है निराश होकर बैठ जाते है। क्योकि यात्रा लम्बी है रोशनी कम है। अगर हम दो कदम बढ़ाते है तो रोशनी भी दो कदम आगे बढ़ती है। सपने देखने कोई बुरी बात नंही है। मगर सपने सोते हुये देखे जाते है। सपना देखा बात खत्म, अब आप जग गये अपने कर्म पर ध्यान दो आपको अपने वर्तमान पर ध्यान देना है अपना 100% वर्तमान पर लगा देना है, न की अपने सपनो पर, जो सिर्फ सपने देखते रहते है वे हमेशा सोये रहते है। और जो सोया हुआ है वह जीवन मे कुछ नंही कर सकता, सोचता रहेगा और सपने देखता रहेगा, मंजिल तक वही पहुचता है जो जग गया।



यह जीवन बहुत खूबसूरत  है। भविष्य के लिये वर्त्मान को खराब मत करो अधिकांशेत भविष्य को सुखद बनाने के लिये अपने वर्तमान को दुखद बना देते है। जबकि सच्चाई यह है भविष्य कभी आता ही नही आप वर्तमान मे रहते हो, आप अभी हो, इसी क्षण हो, जो भी आपको देना है अभी अपना सर्वश्रेष्ठ देना है। अगर आप वर्तमान मे सर्वश्रेष्ठ देना सिख गये तो भविष्य तो आपका अपने आप स्वर्णिम हो जायेगा, यह जीवन वही जीते है जो आज मे जीते है।



 रोहित ने 10th  मै सपना देखा मुझे डाक्टर बनना है उसने 11th  मै PCB लिया, बात खत्म हो गयी उसने सपने देखा, जग गया, अब उसका ध्यान 11th  मै हो वल्कि वर्तमान मे है PCB मै है जो चेप्टर वह आज पढ़ रहा है सिर्फ उसमे है उसे उसमे अपना 100% देना है। कल के बारे मे नही सोचना, मुझे डाक्टर बनना है, नही  इसके वह सपने नंही देखता, सपने देखने के लिये सोना पडता है मगर वह जागा हुआ है। जो जागते हुये सपने देखते है वह जागे हुये नही है वह जागते हुये  सोये हुये के समान है जो भी करना है आज करना है अभी करना है वर्तमान ही जीवन है।



मगर कहने मे ये जीतना आसान लगता है, है नही, जगना प्रत्येक कार्य जगे हुये करना ये हम कैसे करे
ध्यान  से  करे,  ध्यान  लगाये
 मगर  कैसे ?
कहते सब है मगर ये कोई नही बताता

 ध्यान कैसे लगाये ? ध्यान लगाये बीना अपना 100% नही दे सकते हम कोई भी कार्य कर रहे है विचार कोई और चल रहा है और इसी को जागते हुए सोना कहा जाता है । जागना मतलब एक समय मे आप जो भी कार्य कर रहे है सिर्फ वही कर रहे है उसको आपने 100% दे दिया आप खाना खा रहे है तो सिर्फ खाना खा रहे है पानी पी रहे है तो सिर्फ पानी पी रहे है यह तभी सम्भव है जब आपके पास उस कार्य के अलावा दुसरा कोई विचार न आये
यह सब आता है ध्यान करने से, ध्यान का मतलब होता है अन्दर की सफाई




योगा कसरत आदि से हम सिर्फ बाहरी शरीर को स्वस्थ कर पाते है मगर ध्यान करने से हम अन्दर से स्वस्थ होते है अन्दर का कचरा साफ करते है जो फालतू के विचार हो वह निकलते है आप घर के अन्दर की सफाई करते है तो  कचरा उठाकर बहार फेकते है एसे ही जब हम ध्यान करते है तो अन्दर का कचरा जो किसी भी रूप मे है बहार फेक देते है सारे दिन न जाने कितने नकरात्मक सकरात्मक विचार हमारे मस्तिष्क मे आते है उनका सफाई करना आवश्यक है फिर हम जो भी कार्य करते है उसको100% दे पाते है प्रत्येक काम ध्यान से जगे हुए करते है ।  




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