ताली आप जोर जोर से बजाये या आप जितनी तेज बजा सकते है बजाये इससे कोई नुकसान
नही होने वाला, जोर जोर से ताली बजाने से एक प्रकार का व्यायाम हो जाता है जिससे
शरीर की निष्क्रियता समाप्त होकर उसमे क्रियाशीलता की वृद्धि होती है ।
शरीर के किसी भी भाग मे रक्त संचार मे रुकावट हो तो ताली बजाने से वह रूकावट
दूर हो जाती है इससे शरीर के सभी अंग सुचारु रुप से कार्य करने लगते है ।
रक्तवाहिकाए ठीक
ढंग से कार्य करने लगती है और रक्त को शुद्धिकरण हेतु ह्रदय की और ले जाने लगती है
रक्त शुद्ध होकर पूरे शरीर मे पहुँचता है । इससे ह्र्द्य रोग होने की सम्भावना
क्षीण हो जाती है ।
फेफड़ों मे शुद्ध
ओषजन की पर्याप्त मात्रा होने के कारण और अशुद्ध हवा का फेफड़ो से निष्कासन होने के
कारण फेफड़ो की बीमारियॉ भी समाप्त हो जाती है ।
ताली बजाने से
लाल रक्त कणो की वृद्धि होती है जिससे अनेक रोगो से स्वतः ही सही होने लगते है ।
और शरीर मे चुस्ती फुर्ती आ जाती है ।
ताली बजाने से
रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत बढ़ जाती है जिससे हम निरोगी होने लगते है ।
शरीर के
अधिकांश्त एक्यूप्रेशर पाइन्ट पैरो के तलवे एवं हाथो की हथेली मे होते है जब हम
ताली बजाते है तब एक्यूप्रेशर पाइन्ट पर अच्छा दबाव पड़ता है शुद्ध रक्त ह्रदय से
पैरो तक पूरी क्षमता से दौड़ता है और पैरो के एक्यूप्रेशर केन्द्रो को भी शक्तिमान
बना देता है जिससे हमारा शरीर निरोगी बना रहता है ।
शरीर को निरोगी
रखने के लिए ताली बजाना कितना सरल साधन है ।
जोर जोर से ताली
बजाए अपने शरीर को स्वस्थ्य बनाए ।