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जब से मैने होश सम्भाला
है अधिकांशतः लोगो को तरह तरह की बीमारियो से घिरा पाया है आज के समय मे निरोगी
जीवन, एक सपाना बनकर रह गया है डाक्टर आज परिवारिक सदस्य की तरह हो गये है एसा
परिवार मिलना आज के समय मे मुश्किल है जिसमे किसी न किसी सदस्य को कोई गम्भीर बीमारी न हो अधिकांशतः
परिवार तो एसे है परिवार के सभी सदस्य
बीमार है । ऐसा लगता है बच्चे के पैदा
होते ही डाक्टर से उसका ऐसा सम्बन्ध बन जाता है जैसे मा –बाप के बाद जो उसे सबसे
प्रिय है वह डाक्टर ही है जो उसके मरने तक डाक्टर से उसका सम्बन्ध बना रहता है । निरोगी
व्यक्ति निरोगी परिवार मिलना आज के समय मे मुश्किल हो गया है । मगर मेरा अपना
अनुभन है अगर हम अपनी जीवनशैली मे थोड़ा सा परिवर्तन कर ले तो हम निरोगी जीवन जी
सकते है । भारत जैसे देश मे यह मुश्किल नही है । जितना आप प्रकृति के नजदीक रहेगे
उतना आप स्वस्थ रहेगे । मेरा परिवार भी एक समय डाक्टरो के चक्कर काटता रहता था ।
कुछ ऐसी बीमारियाँ थी जो आज मै काफी लोगो मे देखता हूँ । डाक्टरो का कहना था दवाई
आप को जिन्दगी भर खानी पड़ेगी ।
हमारे जीवन मे दो महापुरुषों का प्रेवेश हुआ
1-ओशो
जिनकी ध्यान की जादूई विधियो द्वारा जीवन मे आन्नद की लहर दौड़ने लगी
2-राजीव दिक्षित जिनकी बताई गयी छोटी –छोटि बातो
को जीवन मे उतारने का प्रयास किया
और आज दस वर्ष से ऊपए हो
गये है एलोपैथी दवाईया और डाक्टर से दूर है ।
दोनो ही महापुरुषो मे एक समानता थी दोनो का ही
जोर एक बात पर है जितने आप प्रकृति के
नजदीक रहेगे उतने आप स्वस्थ और आन्नद से रहेगे ।
मै आप को ऐसी छोटी छोटी
बाते बता रहा हू जिनको अपनाकर आप भी निरोगी व आन्नदित जीवन जी सकते है।
1-प्रतिदिन सूर्योदय से
पूर्व सोकर उठे । उठकर जितना हो सके घुट घुँट पानी पिय्रे ।
2-प्रतिदिन प्राणायाम
ध्यानयोग करे । नियमित रुप से सक्रिय ध्यान करने से सम्पूर्ण शरीर की मांसपेशियाँ
सक्रिय हो जाती है रक्तसंचार बढ़ता है शरीर मे चुस्ती फुर्ती आती है । मधुमेह
थाइराइड ब्लडप्रेशर ह्रदय रोग मोटापा आदि अनेक रोगो मे लाभ होता है ।
3-स्वस्थ शरीर मे ही
स्वस्थ मन निवास करता है इसलिए शरीर को स्वस्थ रखे ।
4-रिफाइन्ड के स्थान पर
सरसो का तेल या देशी घी का उपयोग करे।
5-एल्यूमिनियम के किसी भी
बरतन का उपयोग न करे,कुकर का भी नही ।
6- हमारे देश के अधिकांश
हिस्सो की जलवायू गर्म है इसलिए चाय का प्रयोग न करे ।
इसके स्थान पर दिव्यपेय
या कोई प्राकृतिक चाय का उपयोग कर सकते है ।
7-कोल्डड्रिन्क के स्थान
पर निंबूपानी का उपयोग करे
8-पिज्जा बर्गर चाउमिन
आदि फास्टफ्रुड से स्वंय एवं बच्चो को दूर रखे।
9-फ्रिज के पानी के स्थान पर घड़े के पानी का प्रयोग करे
।
10-नित्य या हफ्ते मे एक
बार पूरे शरीर की तिल के तेल से या सरसो के तेल से मालिश करे ।
11-नित्य अपने भोजन मे
फलो और कच्ची सब्जियो को सामिल करे ।
12- हमेशा शान्त और
प्रसन्न रहे कम बोलने की आदत डाले जितना आवश्यक हो उतना ही बोले ।
13-भोजन करते समय क्रोध न
करे । भोजन थोड़ा थोड़ा परमात्मा का प्रसाद समझते हुए प्रेम से खाये । कभी भोजन मे
कमी न निकाले । अगर नमक कम रह जाये या न डाला गया हो तो ऊपर से नमक न डाले । न ही
भोजन मे कमी निकाले । उसे स्वाद ले लेकर धीरे धीरे खाये
14-अच्छा साहित्य पढे । कुछ
अच्छा पढकर ही घर से निकले । अश्लील एवं उत्तेजक साहित्य पढ़ने से बुद्धि भ्रष्ट
हो जाती है ।
15-शरीर को स्वस्थ रखने
के लिए दवाइयों का सहारा लेने की उतनी आवश्यकता नही है जितनी शरीर के अंगो को
स्वस्थ और मजबूत रखने की आवश्यकता है ।
16-प्राकृतिक चीजो का उपयोग
ज्यादा से ज्यादा करे ।
17- सैम्पू और साबुन के
स्थान पर मुलतानी मिट्टी का उपयोग करे ।
18-भोजन के पश्चात या बीच
मे पानी का सेवन न करे । पानी भोजन करने के 60 मिनट पश्चात और भोजन करने के 45
मिनट पूर्व पीना चाहिए ।
19-रात्रि मे भोजन न करे
तो अच्छा है अगर लेना हो तो हल्का भोजन ले ।
20-हमेशा हँसते रहिए दिन म्रे
कम से कम 4-5 बार अवश्य जोर से ठहाका लगा कर हँसे ।
आपकी रसोई आपका सबसे अच्छा औषद्यालय है।
1-खांसी –काली
मिर्च को महीन पीसकर शहद या मिश्री के साथ खाये । सुखी खाँसी मे शीघ्र आराम होगा ।
दुध मे ½ चम्मच हल्दी एक चुटकी सोंठ पाउडर पकाकर
ले किसी भी प्रकार की खांसी व गले मे कैसा भी इंफैकशन हो शीघ्र आराम होगा । किसी
भी प्रकार के दर्द चोट मे भी लाभदायक है । इसके सेवन से जुकाम भी अतिशिघ्र ठीक हो
जाता है ।
सुखा धनिया
चुसन्रे से सुखा धस्का, गले मे टान्सिल को शीघ्र आराम मिलता है ।
2-आज के समय मे
सबसे बड़ी समस्या पेट की है । अगर आप को खाना हजम नही होता है आपको कई बार प्रेशर
बनता है । जीरा और सोंफ 50-50ग्राम लेकर अलग-अलग तवे पर भून लीजिए । फिर इसको
मिक्सी मे पीसकर चूर्ण बना लीजिए । खाना खाने के बाद ½ चम्मच सादे पानी से खाये ।
कब्ज हो तो इसका
सेवन गर्म पानी से करे ।
3- मुँह मे छाले
हो तो जीरा और बड़ी इलाइची बराबर मात्रा मे लेकर पीस ले । दिन मे 3-4 बार ले ।
अतिशीघ्र लाभ होगा ।
4- आँखों की रोशनी
बढानी हो तो नित्य प्रातः मुँह की राल
आँखों मे काजल की तरह से लगाये।
मुँह मे पानी
भरकर आँखों मे पानी के झपाके दे । कुछ समय के प्रयोग से आँखों की रोशनी बढने लगती
है।
5-प्रतिदिन भोजन
के बाद एक लोंग मुँह मे रखकर चूसने से मुँह मे बदबू नही आती है ।
6-भुख न लग रही
हो खाने से अरुचि हो तो धनिया छोटी इलाइची और काली मिर्च का समान मात्रा मे चूर्ण
बना ले । और इसमे समान मात्रा मे घी और मिश्री मिलाकर खाये ।
7-हाथ पैरो मे
दर्द हो तो 100ग्राम सरसो का तेल पका ले जब वह ठंडा हो जाये उसमे 5 ग्राम कपूर
मिला कर कांच की शीशी मे भरकर रख ले । जहाँ दर्द हो वहाँ हल्के हाथो से मालिश करे
। मालिश हमेशा ऊपर से नीचे की और करे ।
8-नारियल के तेल
मे निंबू का रस मिलाकर मालिश करने से खुजली ठीक हो जाती है ।
9- सेंधा नमक का
कपड़छन चूर्ण हल्दी सरसो के तेल मे मिलाकर दाँतों एवं मसूड़ों मे धीरे धीरे मलने से
मुख की दुर्गंध और पायरिया ठीक हो जाता है । दाँत स्वच्छ और मजबूत बनते है ।
10 – कब्ज मे एक
चम्मच सोंफ 5 काली मिर्च चबाकर एक गिलास गर्म पानी मे नींबू और काला नमक मिलाकर
रत्रि मे सोते समय पीले ।
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