Saturday, 16 January 2016

आगे हुए बिना कोई कीमत नहीं

                                                       Image result for school boy                                                                                                                                                        हम छोटे-छोटे बच्चों का मन भी जहर से भर देते हैं। छोटा-सा बच्चा स्कूल जा रहा है, पांच-छः साल का बच्चा है, बस्ता इत्यादि लटकाए स्कूल जा रहा है, उसको हम जहर पिलाना शुरू कर देते हैं, कि प्रथम आना, कक्षा में प्रथम आना! तीस बच्चों को पछाड़ कर आगे निकल जाना! तो ही तुम्हारी कुछ कीमत है। फिर अगर यही बच्चे जिंदगीभर आगे होने में लगे रहते हैं, कोई धन में आगे होने में लगा है, कोई पद में आगे होने में लगा है, कोई किसी तरह, कोई किसी तरह येन केन प्रकारेण, फिर कुछ भी हो, कुछ साधन अखत्यार करना पड़े–लेकिन किसी तरह आगे होना है! क्योंकि आगे हुए बिना कोई कीमत नहीं, कोई मूल्य नहीं। मूल्य है एक बात का कि तुम कहां हो, कितने लोग तुम्हारे पीछे हैं। जितने लोगों को तुम पीछे करते हो, उतने मूल्यवान हो।
लेकिन ध्यान रखना, जब तुम एक आदमी को पीछे करते हो, तुम उतने कठोर हो गए। दो को किया, और ज्यादा कठोर हो गए। तीन को किया, और ज्यादा कठोर हो गए।
महत्त्वाकांक्षी पत्थर हो जाएगा, बड़ा स्थूल हो जाएगा। राजनीतिज्ञ से ज्यादा स्थूल व्यक्ति संसार में दूसरा नहीं होता। राजनीतिज्ञ से ज्यादा धर्म के विपरीत दूसरा आदमी नहीं होता। यहां वेश्याएं भी धार्मिक हो सकती हैं। यहां पापी भी धार्मिक हो सकते हैं। लेकिन राजनीतिज्ञ का धार्मिक होना बहुत कठिन हो जाता है। कारण? उसकी दौड़ ही धर्म के बिल्कुल विपरीत है। जीसस कहते हैं: “जो यहां प्रथम है, वह अंतिम हो जाता है मेरे प्रभु के राज्य में; और जो अंतिम है वह प्रथम हो जाता है।’ तो यहां तो प्रथम राजनीतिज्ञ हैं। यह जो प्रथम होने की दौड़ है, यह अहंकार की ही उद्घोषणा है। और अहंकार परमात्मा से तोड़ता है।
अजहूं चेत गंवार, प्रवचन # ११, ओशो

No comments:

Post a Comment

Featured post

· . प्रेम आत्मा का भोजन है।

     ·    ·  ....... प्रेम आत्मा का भोजन है। प्रेम आत्मा में छिपी परमात्मा की ऊर्जा है। प्रेम आत्मा में निहित परमात्मा तक पहुंचने का मार्ग ...