Thursday, 15 June 2017

पैसा कमाने का आसान तरीका -सेवाभाव

                            

                    


सब पैसा चाहते है किसे पैसा नही चाहिए, पैसे के बिना इस संसार मे कुछ है भी नही,

धन दौलत इकटठी की जाए , खुब पैसा हमारे पास हो ।

यह एक अच्छी सोच है पैसो से ही आप स्वयं व आपका परिवार मनचाही जिन्दगी जी सकता है आपके जीवान की

 आवश्यकता की वस्तुए पैसे से ही खरीदी जा सकती है पैसो से ही आप गरीब व जरुरतमंद लोगो की मदद कर सकते 

हो अगर आपके पास पैसा है तभी आप अपने परिवार के साथ साल मे एक या दो बार पर्यटक स्थल पर घूमने जा सकते

 हो । धन एक वह साधन है जिसके माध्यम से जीवन का भरपूर आन्नद उठा सकते हो ।

  इस संसार मे परमात्मा द्वारा दिये गये साधनो मे से एक धन सबसे महत्वपूर्ण साधन है ।

 अक्सर हमे धार्मिक गुरुओ द्वारा यह सुनने को मिलता है धन समपत्ति सब माया है सब बेकार है एक दिन छूट ही

 जाना है फिर इसके पीछे क्यो भागे । कोई भी आश्रम मन्दिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारा आदि सब माया से ही बनते है 

सतसंग पूजा बीना माया के नही होता । यह जीवन चलाने के लिए भी माया की आवश्यकता होती है बिना माया के इस

 संसार मे कुछ भी संभव नही ।

  जो लोग यह कहते है हमे पैसा नही चाहिए

 हम तो गरीब है

 पैसो का क्या करना है ?

उपरोक्त शब्द वही बोलते है जिनके अन्दर आगे बढने की ललक नही होती आलसी होते है हमेशा गरीबी का रोना रोते 

रहते है ।

या उन्हे पैसा कमाने का मौका नही मिला । पैसा तो कमाना चाहते है मगर पैसा कमाने का तरीका नही जानते ।

 सच्चाई यही है पैसा सब चाहते है मगर अधिकांशत पैसा उल्टे ढंग से कमाते है ।

पैसा कमाने के लिर पैसो का पेड़ बोना पड़ता है ।

सेवाभाव पैसो का बीज है आप अपने अन्दर सेवाभाव लाइये पैसो का पेड़ लग जायेगा ।

मगर अधिकांशतः लोगो का लक्ष्य पहले पैसा होता है और वे पैसो के दिवाने हो जाते है एसे लोगो के पास पैसा कम

 आता है पूरी जिन्दगी पैसा पैसा करते हुए बीत जाती है ।

कुछ लोगो के पास पैसा आ भी जाता है तो वे पैसो के इतने दीवाने हो जाते है वे अपनी आवश्यकता के लिए भी पैसा

खर्च नही कर पाते । सिर्फ संग्रह करते चले जाते है ।

 धन परमात्मा का वह साधन है जिसके द्वारा आप अपनी जिन्दगी आन्नद से गुजार सकते हो और दूसरो की मदद भी

 कर सकते हो देश विदेश का भ्रमण भी कर सकते हो आप अपने परिवार समाज देश की तरक्की मे सहयोग कर सकते 

हो ।

पैसा कमाने का लक्ष्य एक अच्छी सोच है मगर अपने अन्दर सेवाभाव विकसित कीजिए पैसो का बीज ही सेवाभाव है ।

 पहले  सेवाभाव यह पैसा कमाने का सीधा सरल रास्ता है।

 पहले पैसा यह पैसा कमाने का उल्टा रास्ता है आप किसी रेस्त्रा मे खाना खाने जाते है वहा वेटर आपकी सेवा मे 

उपस्थित होता है  मेज पर कपड़ा मारता है आपको पानी देता है उसके बाद आपसे आर्डर लेता है जितना समय खाना

 आन्रे मे लगता है आपको जलजीरा पेश करता है जलजीरे के गिलास ले जाता है मेज पर कपड़ा मारता है । फिर खाना

 लगाता है । बराबर आपकी सेवा मे उपस्थित रहता है ।

 वह हमेशा अच्छी टिप लेता रहेगा ।

          पहले सेवा फिर मेवा

एक बार मै और मेरी पत्नी लेडीज कपड़ो के शोरुम पर गये । सेल्संमैन ने शूट दिखाने शुरु किए शूट सब अच्छे थे मगर

 हमारे बजत से बहार थे वह काफी महंगा शोरुम था हमे पसन्द आने के बावजूद भी हम नापसन्द      करते रहे । वह

 मुस्कराते हुए एक के बाद एक शूट दिखाता रहा मगर सब हमारे बजट से बहार थे ।

अन्त मे हमने उससे कहा हमे पसन्द नही है हम उठकर जाने लगे ।

 तब सेल्समैन ने मुस्कराकर कहा –“कोई बात नही सर अगली बार आइये आपकी पसन्द के मुताबिक शूट अवश्य मिलेगा

 मै क्षमा चाहता हू मै आपकी पसन्द का शूट नही दिखा पाया ।“

 उसके यह शब्द मेरे दिल मे उतर गये उस सेल्समैन ने मेरे दिल मे जगह बना ली ।

 उसका मेरे ऊपर इतना प्रभाव पड़ा अगली बार से मै उसी के यहा से शूट खरीदता हू ।

कुछ सेल्समैन एसे होते है कुछ नही बल्कि ज्यादातर,

आपको समान दिखाते है आपको पसन्द न आने पर एक बुरा सा मुंह बनाते है कुछ तो अपशब्द भी बोल देते है ।

 जाने कहा कहा से परेशान करने आ जाते है

 न तो अपने समय का ख्याल है न दूस्ररे का

एसे लोगो की दूकान पर कोई मजबूरी मे ही जायेगा एसे लोगो का मकसद सिर्फ पैसा होता है मगर इनका पैसा कमाने

 का तरीका हमेशा उल्टा होता है एसे लोग कभी स्वयं भी खुश नही रहते । वे चिड़चिड़े और झगड़ालु प्रवृति के होते है

 जितनी उनमे क्षमता होती है उससे काफी कम ये पैसा अर्जित करते है इनके दिमाग मे हमेशा पैसा ही चलता रहता है

 एसे लोग पैसो के साधन का मजा नही ले पाते बल्कि पैसा ही इनके लिए सब कुछ हो जाता है ।

दो दोस्तो का एक ही कम्पनी मे नौकरी लगी दोनो की एक ही पोस्ट थी समान वेतन था ।

अगले पाँच सालो मे मि अ का वेतन मि ब के वेतन से पाँच गुना ज्यादा हो गया ।

 मि अ ने कम्पनी को अपनी कम्पनी समझ कर काम किया हर वह काम किया जिससे कम्पनी को फायदा पहुचे और

 उसकी बढोतरी हो ।

 जबकी मि ब ने उतना ही काम किया जितना उनका काम था काम किया बात खत्म हो गयी पैसे तो इतने ही मिलने

 है 

मि अ के दिमाग मे सिर्फ एक ही बात चलती थी किस तरह से कम्पनी को आगे बढाया जाए अपना काम तो वे करते

 ही थे वरन यह भी सोचते थे कम्पनी को आगे कैसे बढाया जाए ।

 इसलिए वह नया काम भी सीखते गये । कम्पनी को भी फायदा हुआ और उन्हे भी ।

 मि ब जैसे लोग जिन्हे सिर्फ पैसो से मतलब होता है जीवन मे ज्यादा तरक्की नही कर पाते है वह पाँच साल बाद भी 

वही के वही रहे आगे भी एसे लोगो की तरक्की नही होने वाली ।

 मि अ जैसे लोग अपने सेवाभाव वाले भाव के कारण काफी ऊचाईयो तक पहुँचते है ।

 सेवाभाव ही ज्यादा पैसा कमाने का बीज है अगर आप जिन्दगी मे आगे बढ़ना चाहते है तो अपने अन्दर सेवाभाव पैदा

 कीजिए ।

 दूसरो की हमेशा मदद करो

 अपने अन्दर उत्साह पैदा करो


 रुको मत जीवन मे आगे बढो ।

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