Wednesday, 18 March 2015

think big for success (in hindi)

                                          Image result for happy women                                                                                                                                                                                                                                                                                                                   सभी महापुरुषों का कहना है-‘ अगर  जिन्दगी मे सफल बनना है त्तो अपनी कमिया  देखो’ यह अच्छी बात है अपनी कमिया पहचाननी चाहिए और उन्हे पहचानकर  दूर करने का प्रयास करना चाहिए । मगर हमेशा अपने नकरात्मक पक्ष पर ही ध्यान न दे । अगर हम हमेशा अपने अन्दर कमियाँ ही देखेंगे तो  हमारी मानसिकता भी negative  हो जायेगी । और हम परेशानियों  मे फंस जायेगे life मे  problem create  हो जायेगी । हमे अपने अन्दर का दुसरा पक्ष भी जानना होगा जो गुणो से भरा हुआ है । हमे अपने गुणो की लिस्ट बनानी चाहिए ।

 अगर आप व्यापारी है, छात्र है, कही नौकरी करते है,सेल्समैन है,  सोचो जो आपके पास काबलियत है आपसे भी कम गुणो वाले लोग आप से कही आगे है । आपमे उनसे ज्यादा काबलियत है फिर भी आप आगे नही बढ  पा रहे । कही एसा तो नही आपने कभी बड़ा सोचा ही नही,

 अधिकांशतः लोग सफलता के लिये अच्छे कालेज, डिग्रियाँ या पारिवारिक पृष्ठभूमि  को सफलता का पैमाना मान लेते है । मगर यह कोइ पैमाना नही है आपको तो आपकी सोच से नापा जाता है आप कितना बड़ा सोचते है । हम अपनी सोच से ही सफल लोगो मे अपना नाम लिखा सकते है ।

 संदीप महेशवरी सुहास गोपीनाथ, कमेडियन कपिल शर्मा आदि ये एसे नाम है जो middle class family  से थे, ये पढ़ाई मे भी औसत थे । मगर आज ये सफलता की बुलंदियों पर है ।

फर्क कया है ?

 इन्होने हमेशा बडा सोचा । अपनी कमियो को दूर करने का प्रयास किया मगर focus अपने गुणो पर रखा । अधिकांशतः लोग अच्छे कालेज अच्छे मार्क्स या पैसे वाले पारिवारिक पृष्ठभूमि  को ही सफलता का पैमाना मान लेते है यह होना बुरा नही है मगर यह सफलता का पैमाना नही हो सकता । हमेशा बड़ा सोचो positive words का प्रयोग करो । हम जो बोलते है सोचते है उसका मन पर सबसे ज्यादा असर होता है । किसी व्यक्ति के मन मे यह बात बैठ जाये – वह बीमार है वह न भी होगा तो भी हो जायेगा । जैसे हम आम बोलचाल की भाषा मे बोलते है – उसके साथ बहुत बुरा हुआ, मै झुठ नही बोलता, दोनो ही negative words है जो आपके मन पर प्रभाव डालते है । हम इन्हे positive words मे भी बोल सकते है जैसे – उसके साथ अच्छा नही हुआ,मै सत्य बोलने का प्रयास करता हुं । मन हमारा एक रिकार्डर की तरह है जो हम बोलते है सोचते है वह मन मे रिकार्ड होता चला जाता है और हम वैसे ही बनते चले जाते है ।

 जैसे कोइ कहता है ‘मै बहुत परेशान हुं मेरे सामने एक के बाद एक समस्याये आती रहती है’ तो एसा व्यक्ति परेशान रहेगा और जिससे वह कह रहा है उसको भी वह negative energy  दे रहा है वह भी गम्भीर हो जाता है । जबकि जो positive सोचता है वह एसा नही कहता वह कुछ इस तरह से कहता है-‘ मेरे सामने एक के बाद एक चुनौती आती है और मै उनका डटकर सामना करता हुं ।‘ इससे सामने वाले पर भी positive असर पड़ता है । हमे अपनी सोच का विस्तार करना होगा अपने मन से negative words  को निकाल कर फेक दो जो भी सोचो, बोलो positive बोलो ।

 हमेशा अपने को सफल मानो आगे और सफल होना है अपने शब्दकोष से असफल शब्द हटा दो । अपने को प्रत्येक परिस्थिति मे सफल मानो । परिस्थिति आपके अनूकुल भी हो सकती है प्रतिकुल भी , मगर इससे कोइ फर्क नही पड़ता । परिस्थितिया तो आती जाती रहती है । एक के बाद एक जीवन मे चु्नौती आती है उनका डटकर सामना करे उसको कभी समस्या न माने सिर्फ चुनौती माने और अपने को सफल मानना शुरु कर दीजिय्रे ।

 आपसे कोइ पूछता है आप कैसे हो ? आप कया जवाब देते है इसका आप के व्यक्तित्व पर बहुत प्रभाव पड़ता है आप कहते है बस ठीक हुं, काम करते हुए थकान हो रही है या मेरा स्वास्थय ठीक नही रहता है । इस प्रकार आप अपने अन्दर  negative energy   पैदा कर रहे है आप मायूस रहेगे  ।

 अगर आप जोश मे बोलते हो –‘ मै ठीक हुं जिन्द्गी का मजा ले रहा हुं ।

आप हमेशा जिन्दगी का मजा लेते रहेगे आप मे positive energy बनती है । आप सचमुच जिन्द्ग़ी का मजा लेते रहेगे प्रत्येक परिस्थिति मे आप अपने को ताजगी से भरा हुआ महसूस करेगे ।
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 आप अपने दोस्तो  पत्नि बच्चो  य अन्य किसी के बारे मे बात करते हुए हमेशा  positive words का प्रयोग करे उनकी सिर्फ तारीफ करे प्रत्येक व्यक्ति के दो पहलू होते है एक अच्छा एक बुरा , उसके सिर्फ अच्छे पहलू पर नजर डाले। हमेशा दिल खोलकर उनकी तारीफ करे, कभी उनके बुरे पहलु पर नजर न डाले,वह आपको उसकी बुराइ करने के लिए प्रेरित करता है । और आपके अन्दर  negative energy    बनने लगती है । जब आप दुसरो के अच्छे पहलु पर ही नजर डालते है सबकी तारीफ करते है दुसरो की नजरो मे आप सदा अच्छे इंसान बने रहेंगे । positiva words का ही प्रयोग करने से आपमे positive energy ही बनेगी  ।

 दुसरो को ही नही अपनी भी तारीफ कीजिए जो आप है अपने को उससे बढ़कर मानिए ।  बड़ी-बड़ी कल्पना कीजिए सपने देखिए,सोचिए -‘ यह सब मै एक दिन हासिल कर लूँग 
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 मेरा एक दोस्त है हमेशा रोता झीकता रहता है अपने को याद दिलाता रहता है उसकी आय कम है जबकि उसके पास अच्छा काम है वह अपने नौकरो को उचित वेतन नही दे पाता हमेशा चिड़चिड़ा रहता है उसके यहा कोइ भी नौकर ज्यादा समय तक टिक नही पाता । वह ग्राहको से  भी अच्छा व्यवहार नही करता,उनसे अकसर झगड़ता रहता है। वह हमेशा दुखी रहेगा, कभी सफल नही हो पायेगा ।

 जबकि मेरे एक परिचित का सोचने का ढंग बिल्कुल अलग है । वह हमेशा भविष्य की कल्पना करता रहता है एक शानदार मकान बढिया गाड़ी हमेशा बड़े व्यापार की कल्पना करता है । हमेशा अपने नौकरो की तारीफ करता है उन्हे उचित वेतन देता है उन्हे बोनस भी देता है । नौकर भी सभी कार्य अपना समझकर करते है ।

वह कभी अपने को सस्ता करके नही आंकता,हमेशा खुश रहता है । सबकि तारीफ करता है । हमेशा बड़ा सोचता है और इन्हे भविष्य मे इन सब बातो का फायदा अवश्य मिलेगा, वास्तव मे देखा जाय तो वह अच्छी जिन्दगी की तरफ तेजी से बढ़ रहे है । सफलता के मूलभूत सिद्धांत  अपने जीवन मे उतार लिया है । यह महत्वपूर्ण  नही है आज आप के पास क्या है?  महत्वपूर्ण है भविष्य मे आप के पास क्या हो सकता है ?
 अपने को कभी सस्ता मत मानिए,हमेशा जहाँ आप है उससे बड़ा सोचिए जो भी आप सपने देखते है आप वह सब कुछ पा सकते है बस आवश्यकता है अपना नजरिया बदलने की ।

 हमेशा positive सोचिए positive words बोलिए, positive energy आपमे बनेगी और आप वह सब कुछ पा सकते है  जिसके आप सपने देखते है । 

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Sunday, 1 March 2015

how to be success (in hindi)

                                           Image result for how to success                                    विवेकनन्द ने कहा है-
             जो अपने हिस्से मे आये हुए छोटे से काम को करते समय भी बुदबुदाता था वह प्रत्येक काम मे बुदबुदायेगा । सदैव बुदबुदाते हुए वह एक दुखपूर्ण जीवन बितायेगा और प्रतियेक कार्य मे असफल होगा किन्तु वह व्यक्ति जो अपने कर्तव्य को पूरी शक्ति के साथ करता रहेगा,पहिये मे अपना कन्धा लगाये रहेगा । अन्त मे वह अवश्य ही फल पायेगा और अधिकारिक उत्तदायित्व निभाने का अवसर उसे मिलेगा ।
 जिस व्यक्ति को विश्वास होता है कि काम कर लेगा उसे हमेशा उस काम को करने का तरीका सुझ जाता है।
                                       Image result for dream women                                
  प्रत्येक व्यक्ति बड़े-बड़े सपने तो देखता  है ऊचाईयो को छुना चाहता है पर कितने व्यक्ति अपने सपने साकार कर पाते  है । कुछ चन्द जीव ही अपनी मंजिल तक पहुँच पाते है । हम बात करते है उन व्यक्तियो की जो सपने तो देखते है अपने लक्ष्य का भी निर्धारण कर लेते है मगर कर्म नही करना चाहते किस्मत के  सहारे बैठे रहते है । सोचते रहते है किस्मत मे होगा तो भगवान भी हमसे नही छिन सकता । कुछ लोग कर्म तो करते है मगर उनमे धैर्य नही होता वे तुरन्त फल की इच्छा करते है । एसे लोग कभी मंजिल तक नही पहुच पाते । हमेशा अपनी किस्मत को दोष  देते रहते है ।

  धैर्य  ही सफलता की कुन्जी है । आप एकाग्रता व गन से अपनी मंजिल की और बढे, धैर्य रखे आप अवश्य सफल होंगे कर्म करते हुए अपने लक्ष्य पर फोकस रखो । जिस प्रकार अर्जुन का लक्ष्य सिर्फ चिड़िया की आँख थी । गुरु द्रोणाचार्य ने जब अर्जुन से पुछा –तुम्हे क्या दिख रहा है ? तब उसका जवाब था मुझे सिर्फ आँख दिख रही हैं । अर्जुन का लक्ष्य आँख थी । उसे चिड़िया भी नही दिख रही थी उसका फोकस सिर्फ अपने लक्ष्य पर था ।

 हमे अपने लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए फिर उसे अपना लक्ष्य बनाए । एकाग्रता लगन से हमे अपने लक्ष्य को साधना है । हमे अपने मन को आस-पास दाये-बाये भटकने नही देना है ।  हमे चिड़िया नही वरन उसकी आँख ही दिखनी चाहिए । हमे सफलता अवश्य मिलेगी ।

   कुछ लोग थोड़ा सा कार्य करते है सोचते है हमे वह सब कुछ मिल जाये जिसे उन्होने अपना लक्ष्य बनाया था । एसे लोग अपने लक्ष्य से तो भटक जाते है बल्कि वे जहां से चले थे उससे भी पीछे पहुँच जाते है
                             

 उतावलापन कभी मत करो धर्य रखो,पूरी एकाग्रता और लगन से कार्य करो। अपने मे कमी देखो,आपमे कमी कहा है आत्मचिन्तन किजिये मनोवेग आपको कहाँ परेशान करता है यही से आप शान्ति का रास्ता पा सकेगें । आप जल्दी आवेश मे आ जाते है, शीघ्र क्रोधित हो जाते है आपमे सहन करने की क्षमता कम है, अगर आपके अनुरुप कार्य नही होता तो आप झल्ला जाते है अपना सन्तुलन खो देते है तो आपको कभी सफलता नही मिलेगी । अगर मिलती भी है तो वह आपके गुण कौशल के अनुसार काफी कम होगी ।
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जीवन मे सफलता मिलती है धैर्य से, संयम से,  आपमे काबलियत है तो आपने जो लक्ष्य निर्धारित किया है उस तक अवश्य पहुचेगे । अगर आपकी प्रकृति  मे क्रोध और कठोरता है तो उसे छोड़ दीजिये । आपके ह्र्दय की यह कठोर और क्रूर दशाये आपका हित तो बिलकुल नही करती, यह आपकी सफलता मे सबसे बड़ी बाधा है । इससे आप  दूसरो   को व अपने आप को दुख के अतिरिक्त कुछ नही दे सकते ।

 यदि आपको कोइ कटु वचन कहता है या आपके साथ दुरव्यवहार करता है बदले मे आप भी उसके साथ वैसा ही व्यवहार करते  है दुसरे का कटु वचन व व्यवहार आपको चुभता है तो उसके बदले मे किया गया आपका व्यवहार भी उसे उतना ही ठेस पहुचायेगा कोइ औचित्य नही बदले मे आप भी वैसा ही व्यवहार करे ।

 आपको नरम पड़ते हुए अग्नि मे पानी डालने का काम करना  चाहिए। पानी डालने से ही अग्नि ठंडी होती है । सोचने वाली बात है क्या आग आग को बुझा पाती है ? क्रोधपूर्ण व्यवहार से कभी भी क्रोध पर नियन्त्रण नही किया जा सकता है ।

 शान्तिप्रिय दयालु आत्मनिर्भर बने । धैर्य रखना सिखिए । सफलता को संयम के साथ स्विकार करे । असफलता पर विचलित न हो क्योकि असफलता ही सफलता की सीढ़ी  है हमेशा विनम्र बने रहिए आवेश को अपने नजदीक न आने दे । देखना एक दिन आपकी गिनती सफल लोगो मे होने लगेगी ।


  एक विचार लो उस विचार को अपना जीवन बना लो-उसके बारे मे सोचो उसके सपने देखो,उस विचार को जियो,अपने मस्तिष्क, मांसपेंशियो,नसो,शरीर के प्रत्येक हिस्से को उस विचार मे डूब जाने दो, और बाकी सभी विचारो को किनारे रख दो, यही सफल होने का तरीका है                                                 विवेकानन्द 

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