यह सबसे बड़ा फर्क है
बाकी मे डर होता है
प्रत्येक काम करते हुए सोचते रहते है, कुछ करना
तो चाहते है सोचते रहते है मगर action नही ले पाते, उनके अन्दर अजीब सा डर
रहता है । यह डर ही उन्हे कुछ करने नही देता
। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन मे अच्छा और
बुरा दोनो घटित होता है जो बुरा घटित होता है उसको हम सोचते रहते है वह हमारे मस्तिष्क मे संग्रह हो जाता है negative विचार आने लगते है जो हमे कुछ
भी करने से रोकते है ।
वास्तव मे
डर एक एसा राक्षस है जो हम पाना चाहते है उसे
पाने से रोकता है और जो हमारे पास होता है वह भी धीरे-धीरे चला जाता है
आत्मविश्वास योग्यता यह सब छीन लेता है
सपने तो बहुत लोग देखते है मगर साकार होने मे यह डर नाम
का राक्षस बीच मे आ जाता है हमारी असली लड़ाई डर से है अगर हम उसे रास्ते से हटा दे
तो हमारे अन्दर आत्मविश्वास आ जाता है और हमे
सफल होने से कोइ नही रोक सकता ।
हम एक ट्रेन
मे बैठे है ट्रेन मे इन्जन लगा हुआ नही है हम कहते रहे हमे कोलकाता जाना है कोलकाता
जाना है क्या हम पहुँच जायेगे? – नही, वही के वही रहेंगे ।
हम सोचते रहते
है हमे यह करना है वह करना है बस सोचते रहते
है जब तक action नही लेंगे,ट्रेन मे इन्जन नही लगेगा गाड़ी आगे कैसे बढेगी, आगे बढ़ना
है तो action तो लेना ही पड़ेगा ।
action
क्यो नही ले पाते ?
क्या कारण
है ?
हमारी जिन्दगी
मे जो कुछ negative हुआ है हम उसके बारे मे
सोचते रहते है हमारे ऊपर negative energy हावी
हो जाती है जो कुछ भी करना चाहते है उसमे भी negative विचार आने लगते है एक अजीब सा
डर असफल होने का लगा रहता है ।
रहुल ने बड़े जोश
के साथ अपना व्यापार शुरु किया मगर कुछ समय बाद फेल हो गया काफी पैसा उसका डुब गया
। अब वह कोइ भी नया काम करने की सोचता है तो उसके मस्तिष्क मे पहले हुआ नुकसान आ जाता है । कही फिर से नुकसान
हो गया तो, अब वह कुछ भी काम नही कर पा रहा
है ।
जबकि उसको अपने
फेल होने के कारणो को देखना चाहिए और उन्हे दूर करने का प्रयास करना चाहिए
राहुल ने जोश
मे आकर action तो ले लिया मगर action लेने
से पहले व्यापार की बारीकियो को नही सीखा ।
इसको एसे समझो किसी के मन मे आया मुझे तैराक बनना है वह
स्विमिंग पुल पर गया और उसने जोश मे आकर action ले लिया स्विमिंग पुल मे कुद गया ।
क्या होगा ?
वह चोट खा बैठेगा,
डुब जायेगा ।
action तो लेना
है मगर पहले उसकी बारीकियो को सिखना है स्विमिग पुल मे कुदने से पहले आपको उसका गहन
अध्ययन करना पड़ेगा । पहले कम पानी मे स्विमिग करनी पड़ेगी फिर धीरे-धिरे उसका स्तर बढ़ता चला जाता है कुछ
समय बाद वह तैराक बन जाता है ।
हमे action लेने
से पहले जो भी हम करना चाहते है उसकी बारीकियो को समझो, जानकारी हासिल करो । फिर छोटे
स्तर पर उस काम को आरम्भ करो जैसे-जैसे सफलता मिलती जाये उस काम को बढाते जाये
।
जो हमारे अपने
होते है परिवार के सदस्य माता-पिता भाई –बहन दोस्त व सगे सम्बन्धी ये बचपन से ही हमारे अन्दर डर पैदा करते है ।
‘ यह काम तुमसे नही होगा’
‘तुम अभी छोटे हो यह काम तुम नही कर सकते’
‘तुम इस योग्य नही हो जो यह काम कर सको’
एसे negative words बोलकर उसके अन्दर डर पैदा कर देते
है वह अपनी जिन्दगी मे जो भी कार्य करता है
या करना चाहता है हमेशा अपने negative विचारो
की और ही देखता है अपने गुणो की और उसकी नजर ही नही जाती,बचपन से ही उसको उसकी कमियाँ
बताई जाती रही है । प्रत्येक व्यक्ति मे negative विचार भी होते है positive भी, जब हमे negative की और ध्यान दिलाया
जाता है तो मस्तिष्क भी negative सोचने लगता है हम जब भी कोई कार्य करने की योजना
बनाते है तो एक अजीब सा डर हमारे अन्दर होता है । हम जोश मे आकर action ले भी लेते
है तो कुएँ का मेंढक बनकर रह जाते है उसका विस्तार नही कर पाते है ।
ऐसा क्या करे, डर नामक
राक्षस को मार गिराये ।
सबसे महत्वपुर्ण है
आपकी अपनी packing कैसी है अगर आप अच्छे कपड़े पहनते है आप अच्छा महसूस करते है आपका
सोचने का अन्दाज भी बदलता है आपकी packing आपमे आत्मविश़्वास पैदा करती है । आप
अपने बारे मे क्या सोचते है ? आप क्या बनना चाहते है ? इसका निर्णय आप स्वंय करे । दुसरो की राय से अपने बारे मे फैसला न
करे दुसरे सिर्फ आपके अन्दर डर पैदा करते है
आप अपने मालिक स्वंय बनिये।
अपने
निर्णय अपने गुणो को देखकर स्वंय कीजिए । एक पेपर ले जो भी आप मे गुण है उस पर
लिखये । अपनी काबलियत स्वंय पहचानिये । आप
देखेंगे आप जो भी बनना चाहते है आप का जो भी सपना है आप अपने सपने को साकार कर
सकते है । कोई कार्य ऐसा नही जो आप नही कर सकते । आप सब कुछ कर सकते है जो आप
सोचते है उसमे अपनी knowledge बढाइये
जैसे-जैसे आपका experience बढ़ता जायेगा आप success की तरफ बढ़ते जायेगे ।
प्रतिदिन सुबह नियम बना ले आप कुछ अच्छा
पढेगे या सुनेंगे । जो आपको पुरे दिन उत्साह से भरपूर रखता है
। आपको positive energy मिलती है । इसी प्रकार रात्रि मे सोने से पूर्व कुछ अच्छा
पढे या सुने, जिससे सारे दिन की थकान
मिटकर आपको positive energy मिलती है।
यह निश्चित कर ले आप जो भी करना चाहते है वह
सही है उस काम को करे, बिना अलोचना के कोई
भी महत्वपूर्ण कार्य नही होता है कभी इस बात की चिन्ता न करे लोग क्या कहेंगें ? मेरे बारे मे क्या सोचते है यह आपकी जिन्दगी है अपने मालिक स्वंय बनिए ।
मस्तिष्क
हमारा विचारो का बैंक है उसमे विचार जमा होते रहते है जैसे विचार उसमे जमा
करेंगे वैसे ही विचार उसमे जमा होंगे । बचपन से ही हम बैंक मे positive और negative विचार जमा करते
आये है। आज हम जो सोचते है वैसा ही विचार हमे mr. bank निकाल कर देते है मान लीजिए
आप कहे-‘ इस काम को मै बड़ी आसानी से कर सकता हूँ ‘ तो आपका बैंक आपको ऐसे अनेक विचार देगा आप उस काम
को बड़ी आसानी से कर सकते है आपने इससे पहले भी अनेक काम जो इससे भी कठिन थे बड़ी आसानी
से किए है यह तो आपके बाये हाथ का खेल है ।
अगर आप इससे विपरित
सोचते है यह काम आपके लिए कठिन है तो आपका बैंक आपको न करने के अनेक विचार देगा आपसे
इससे पहले भी कई काम सफलतापूर्वक नही हुए है
आप इस काम को नही कर सकते,बचपन मे भी आपसे कोई काम ठीक से नही होता था अक्सर काम ठीक
से न होने के कारण स्कूल और घर मे डांट पड़ती
थी । आपको न करने की एक हजार वजह विचारो के बैंक द्वारा मिल जायेगी ।
आप सिर्फ और सिर्फ positive विचार ही अपने बैंक मे जमा
कीजिए जो आप के साथ अच्छा हुआ है जिन्हे याद
करके आपको खुशी मिलती है उन यादगार पलो को अपने बैंक मे जमा करे । प्रत्येक कार्य को शुरु करने से पहले
यह सोचिए यह मै आसानी से कर सकता हू। positive सोचिए positive बोलिए आपके अन्दर का
डर स्वतः ही भाग जाएँगे और आप कुछ भी कर सकते है कुछ भी,-------------।